3 April 2012

है कुबुल..

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है इस कदर हारे
इस दिल से दर्शित
की अब तो उनकी हर शिकायत कुबुल..
हर गुनाह है कुबुल..
कभी वो हमारे साथ थे
कभी सारां जहां आसपास था
अब है सिर्क तनहाई
वो भी तो कुबुल

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